Abir Gulaal: उत्सवों का रंगीन साथी
नमस्ते! अगर आप होली या किसी तमिल त्योहार की तैयारी कर रहे हैं तो ‘Abir Gulaal’ शब्द निश्चित ही आपके दिमाग में आया होगा। यह वो रंग है जो पावन अवसरों को और भी ख़ूबसूरत बनाता है। चलिए, आसान शब्दों में जानते हैं कि Abir Gulaal असल में क्या है और इसे सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाए।
सबसे पहले तो समझें, Abir Gulaal दरअसल सूखे पिचपिचे पौधों या फूलों के पाउडर से बनता है। इस पाउडर में प्राकृतिक रंगद्रव्य होते हैं, इसलिए इसे त्वचा और कपड़ों पर लगाना आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। बाजार में अक्सर मिलने वाला गुलाल सिंथेटिक भी होता है, पर Abir Gulaal अक्सर अधिक प्राकृतिक और हल्का होता है।
Abir Gulaal का इतिहास
गुलाल का प्रयोग भारत में हजारों साल पुराना है। प्राचीन ग्रन्थों में बताया गया है कि देवी‑देवताओं को सम्मानित करने के लिए रंगों का उपयोग किया जाता था। तमिलनाडु में विशेष रूप से ‘पिचाय’ या ‘अभिर’ नाम की पत्तियों से बनाया गया गुलाल प्रमुख रहा है। इस वजह से इसे ‘Abir Gulaal’ कहा जाने लगा, जहाँ ‘Abir’ का मतलब आध्यात्मिक ऊर्जा या चमक होता है।
सुरक्षित उपयोग के टिप्स
हर कोई रंगों से खेलना पसंद करता है, पर सुरक्षा का खयाल रखना ज़रूरी है। पहला नियम – हाथों को पहले ही साफ़ रखें। अगर आपके पास एलर्जी की समस्या है तो पहले थोड़ा सा गुलाल छोटे हिस्से पर आज़मा लें। दूसरा, किसी भी प्रकार का सॉफ़्ट ड्रिंक या शराब के साथ नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि इससे असर बढ़ सकता है। तीसरा, बच्चों के लिए हल्का, बिना कोई रसायन वाला Abir Gulaal चुनें और उन्हें खेलने से पहले भी उचित निगरानी रखें।
अब बात करते हैं कैसे रख‑रखाव करें। गुलाल को खुले हवा में रखने से रंग फीके हो सकते हैं। इसलिए इसे एयर‑टाइट कंटेनर में रखें और सीधा धूप से दूर रखें। अगर गुलाल में थोड़ा गीला महसूस हो तो उसमें थोड़ा बारीक रवा (सूखा आटा) मिलाकर फिर से सूखा लें। इससे इसका टिकाऊपन बढ़ेगा।
उत्सव के दिन, आप Abir Gulaal को अलग‑अलग रंगों में मिला कर नई शेड्स बना सकते हैं। कुछ लोग हल्का गुलाबी, हरा या नीला पसंद करते हैं, जबकि अन्य चमकीला लाल या पीला चुनते हैं। मिलाने के लिए बस दो छोटे बाउल लें, रंग डालें और चम्मच से हिलाते हुए रंग को एकसाथ मिलाएँ। बस, तैयार!
आपके घर में अगर छोटा बच्चा है, तो उन्हें ‘गुलाल‑गुले’ जैसी कस्बे के खेल में शामिल करना मज़ेदार रहेगा। इसमें आप रंगों के साथ छोटे‑छोटे रोल या कागज़ के टुकड़े जोड़ सकते हैं, जिससे बच्चे सीखते‑सीखते खेल भी बन जाता है।
तो अगली बार जब आप किसी बड़े त्यौहार की तैयारी कर रहे हों, तो Abir Gulaal को अपने शॉपिंग लिस्ट में जरूर जोड़ें। यह न सिर्फ रंग लाता है, बल्कि परम्परा और संस्कृति की झलक भी देता है। सुरक्षित रहिए, मज़ा लीजिए और रंगों से भरपूर यादें बनाइए।
Abir Gulaal पर रोक: PIB ने 26 सितंबर रिलीज़ की खबर को फर्जी बताया, पाकिस्तान कलाकारों पर पाबंदी फिर चर्चा में
PIB ने साफ किया कि ‘Abir Gulaal’ की 26 सितंबर 2025 को भारत में रिलीज़ की खबर फर्जी है और किसी तरह की मंजूरी नहीं दी गई। पहालगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद फिल्म की 9 मई वाली भारतीय रिलीज़ टल गई थी। FWICE ने पाकिस्तानी कलाकारों पर पाबंदी की अपील दोहराई, म्यूजिक भी हटाया गया। फिल्म 12 सितंबर को विदेशों में रिलीज़ हुई, भारत में फिलहाल रोक है।
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